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एक एहसास ...
जिसको मैंने हर एक अलफ़ाज़ में 
किया है महसूस ...

वो एक एहसास ...
जिसने लिखने पे मजबूर किया 
इस रुकी हुई कलम को ...

वो एक एहसास ...
जो ख़ामोशी से बस गया 
गहेराइ में मेरे दिल की ...

वो एक एहसास ...
जिसने मुझे अपने और खीच लिया 
अनजान हू में अब तक उस से ...

वो एक एहसास ...
जिसने मुज को मुझ से चुरा लिया ...

वो एक एहसास ...
जिसने मुझे खुशी दी
अपने दर्द से बहार निकाला ....

वो एक एहसास...
बस एक एहसास...
                      - श्वेता  गोयल 

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