मेरे मन के पतझड़ को
जन्म तो ईश्वर ने है दिया पर
सांसों ने आपका ही गुणगान किया !
जीना सिखा दिया हमें आपने
हम पर यह अहसान किया !!
आपकी शरण मे आकर
जीवन का सच जन लिया !
इंसानियत का पाठ सीखकर
जीवन को सफल मान लिया !!
ईश्वर क्या होते है
इस बात का हमें ज्ञान दिया !
उसकी भक्ति मे रम कर
अपना सर्वस्व उस पर वार दिया !!
मेरे मन के पतझड़ को
आपने ही बहार किया !
अपना आशीष देकर
जीवन धन धान्य किया !!
प्रभु की भक्ति मे रम कर
जब उसको हमने याद किया !
तब प्रभु ने आपके रूप मे
हमको यह वरदान दिया !!
छोड़कर दुनिया के रिश्तो को
बस अपना आपको मान लिया !
मन की आखों से देखा तो
मम्मी - पापा हमने आपको पहचान लिया !!
- शवेता गोयल
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